बुद्धिमान तोता और शेर
एक समय की बात है, एक हरा-भरा जंगल था जिसमें कई जानवर रहते थे। वहाँ का सबसे बुद्धिमान जानवर था मिट्ठू, एक हरा तोता। मिट्ठू की चतुराई और बोलने की कला पूरे जंगल में मशहूर थी। सब जानवर उसे बहुत पसंद करते थे और उसकी सलाह के लिए हमेशा आते थे।
जंगल में सब कुछ शांति से चल रहा था, जब अचानक एक दिन एक शेर वहाँ आया। वह बहुत बड़ा और भयंकर था। उसने जंगल में प्रवेश करते ही दहाड़ लगाई, “मैं यहाँ का नया राजा हूँ! जो मेरे आदेश नहीं मानेगा, उसे दंड मिलेगा।” शेर की दहाड़ सुनकर सभी जानवर डर गए। सभी ने सोचा कि अब क्या होगा?
मिट्ठू ने देखा कि सब जानवर परेशान हैं। उसने सोचा, “हमें इस समस्या का समाधान निकालना होगा।” वह शेर के पास गया और कहा, “नमस्ते, राजा शेर! आप बहुत शक्तिशाली हैं। क्या मैं आपके बारे में एक बात कह सकता हूँ?”
शेर ने उत्सुकता से कहा, “हाँ, बोलो।”
मिट्ठू ने कहा, “अगर आप मुझे अपनी शक्ति का परिचय देने का मौका दें, तो मैं आपको एक बहुत बड़ा राज बताऊँगा।” शेर ने सोचा, “राज? मुझे तो राज पसंद हैं!”
मिट्ठू ने कहा, “जंगल में एक ऐसा स्थान है जहाँ से आपकी शक्ति और भी बढ़ जाएगी।” शेर ने पूछा, “वह स्थान कहाँ है?”
मिट्ठू ने कहा, “वह स्थान बहुत दूर है, लेकिन मुझे वहाँ ले जाने का काम करना होगा।” शेर ने खुशी-खुशी मिट्ठू का अनुसरण करने का फैसला किया।
वे दोनों गहरे जंगल में चले गए। मिट्ठू ने शेर को रास्ते में समझाया, “राजा, यहाँ सब जानवर आपको देखकर डर रहे हैं। लेकिन असली शक्ति यह नहीं है कि आप उन्हें डराएँ, बल्कि यह है कि आप उन्हें एकजुट कर सकें।”
शेर ने कहा, “क्या मतलब?”
मिट्ठू ने कहा, “आप जब यहाँ दहाड़ेंगे, तो सब भागेंगे। लेकिन असली ताकत तो उन्हें एकजुट करके चलाने में है।”
जब वे एक ऊँचे पहाड़ के पास पहुँचे, मिट्ठू ने कहा, “अब यहाँ दहाड़ लगाएँ।” शेर ने अपनी सबसे भयंकर दहाड़ लगाई। उसकी आवाज़ गूंज उठी और सारे जानवर डर के मारे भागने लगे। लेकिन मिट्ठू ने शेर को कहा, “देखिए, राजा, आप ने सबको डराया है, लेकिन क्या आपको लगता है कि वे आपके साथ रहेंगे?”
शेर ने सोचा और कहा, “नहीं, ऐसा तो नहीं है।”
मिट्ठू ने कहा, “देखिए, आप कितने बड़े और शक्तिशाली हैं, लेकिन अगर सब जानवर डरेंगे, तो आपका राज क्या काम का?”
शेर ने समझा कि उसके घमंड ने उसे सही दिशा से भटका दिया था। उसने कहा, “ठीक है, मिट्ठू, मुझे समझ में आ गया है। मैं सब जानवरों को प्यार और सम्मान दूंगा।”
मिट्ठू ने कहा, “आपका काम है उन्हें एकजुट करना और उनके साथ मिलकर रहना।”
अब शेर ने तय किया कि वह जंगल में प्रेम और भाईचारा फैलाएगा। वह जानवरों के पास गया और कहा, “मैं यहाँ का राजा हूँ, लेकिन मैं आपको डराना नहीं चाहता। मैं चाहता हूँ कि हम सब मिलकर रह सकें।”
सभी जानवर धीरे-धीरे लौट आए। शेर ने अपनी दहाड़ को प्रेम में बदल दिया और कहा, “आओ, हम सब मिलकर खेलें।” जानवरों ने खुशी-खुशी शेर के साथ खेलना शुरू किया।
कुछ समय बाद, जंगल में सब जानवर मिलकर रहने लगे। वे एक-दूसरे की मदद करते, और शेर ने सबका प्यार जीत लिया।
सीख: असली शक्ति दूसरों को डराने में नहीं, बल्कि मित्रता और सहयोग में है। जब हम एकजुट होते हैं, तो हम किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।
यह कहानी बच्चों को सिखाती है कि डराने की बजाय, प्यार और सहयोग से ही हम सच्चे नेतृत्व का परिचय दे सकते हैं।