कहानी: बहादुर मोर और चतुर कछुआ
बहुत समय पहले की बात है, एक घने जंगल के बीच एक सुंदर झील थी। झील के किनारे हरे-भरे पेड़ों के नीचे तमाम जानवर रहा करते थे। उनमें से दो सबसे अच्छे दोस्त थे: बहादुर मोर, जिसका नाम मोहन था, और चतुर कछुआ, जिसका नाम टोनी था। मोहन तेज़ दौड़ सकता था, ऊँची उड़ान भर सकता था, और उसकी पूँछ के पंख तो पूरे जंगल में सबसे खूबसूरत थे। टोनी, दूसरी तरफ, अपनी बुद्धिमानी के लिए मशहूर था।
संकट का बादल
गर्मी का मौसम था, और झील का पानी धीरे-धीरे सूखने लगा। एक दिन, टोनी ने देखा कि झील का पानी बहुत कम बचा है। वह तुरंत मोहन के पास गया और कहा,
“मोहन, हमें कुछ करना होगा। अगर झील सूख गई, तो हम सबको बहुत दिक्कत होगी।”
मोहन ने जवाब दिया, “तुम सही कह रहे हो, टोनी। लेकिन हम क्या कर सकते हैं? बारिश का इंतज़ार करना ही तो एकमात्र उपाय है।”
लेकिन टोनी ने हिम्मत नहीं हारी। उसने सोचा कि कुछ ऐसा करना होगा जिससे झील में पानी लौट आए। उसने कहा, “अगर हम सभी जानवर मिलकर काम करें, तो शायद हम पानी का इंतजाम कर सकते हैं।”
मिलकर काम करने का फैसला
टोनी और मोहन ने सारे जानवरों की बैठक बुलाई। वहाँ खरगोश, गिलहरी, हिरण, और बंदर जैसे तमाम जानवर मौजूद थे। टोनी ने सबको समझाया, “हम सभी को एकजुट होकर इस समस्या का हल निकालना होगा। अगर हम पास के पहाड़ी झरने का पानी झील में लाएँ, तो हमारी झील फिर से भर सकती है।”
सभी जानवर पहले तो सोच में पड़ गए, लेकिन फिर मोहन ने टोनी का समर्थन किया। उसने कहा, “टोनी की योजना बहुत अच्छी है। अगर हम सब मिलकर कोशिश करें, तो यह मुमकिन है।”
काम की शुरुआत
अगले दिन से सभी जानवर काम में जुट गए। चूहे और गिलहरियाँ झरने तक एक छोटी सी नहर बनाने में लग गए। हाथी और भालू मिट्टी और पत्थरों को हटाने में मदद करने लगे। मोहन ने आसमान से झरने तक का रास्ता देखा और रास्ते में आने वाली रुकावटों की जानकारी दी।
टोनी ने सबका नेतृत्व किया। जब कोई जानवर थक जाता, तो वह सबको हौसला देता और कहानियाँ सुनाता।
रुकावट और समाधान
काम अच्छी तरह चल रहा था, लेकिन अचानक एक बड़ी रुकावट आ गई। झरने के पास एक चट्टान रास्ते को रोक रही थी। जानवरों ने चट्टान हटाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह हिली भी नहीं।
मोहन ने अपनी बहादुरी दिखाते हुए कहा, “मैं अपनी तेज़ चोंच और पंजों से इस चट्टान को कमजोर करने की कोशिश करूंगा।” वह चट्टान पर चढ़ गया और उसे खुरचने लगा। दूसरी तरफ, भालू और हाथी ने मिलकर चट्टान को धक्का दिया।
कई घंटों की मेहनत के बाद, चट्टान आखिरकार टूट गई, और झरने का पानी धीरे-धीरे नहर के ज़रिए झील में बहने लगा।
झील में जीवन की वापसी
जब पानी झील में पहुँचा, तो सभी जानवर खुशी से झूम उठे। मोहन और टोनी ने मिलकर सबको धन्यवाद दिया और कहा, “देखा, जब हम सबने एक साथ मेहनत की, तो कोई भी समस्या बड़ी नहीं रही।”
झील में पानी भरने के बाद, आस-पास के पेड़ों और पौधों में भी नई जान आ गई। पक्षी फिर से चहचहाने लगे, और मछलियाँ झील में कूदने-फाँदने लगीं।
खुशी का जश्न
उस रात, सारे जानवरों ने झील के किनारे जश्न मनाया। मोहन ने अपनी पंख फैलाकर खूबसूरत नृत्य किया, और टोनी ने एक मजेदार कहानी सुनाई।
शिक्षा
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जब हम एकजुट होकर काम करते हैं और मुश्किलों का सामना बहादुरी और समझदारी से करते हैं, तो हम बड़ी से बड़ी समस्याओं का हल निकाल सकते हैं।
प्यारे बच्चों, याद रखना:
मिलजुलकर काम करना और एक-दूसरे की मदद करना हमें मजबूत बनाता है। चाहे समस्या कितनी भी बड़ी क्यों न हो, अगर हमारे दिल में हौसला है और दोस्त हमारे साथ हैं, तो कुछ भी असंभव नहीं।
अच्छी नींद लो और मीठे सपने देखो! 😊